टीचर जेल में, विभाग को पता नहीं

लाखों रुपये के घोटाले के मामले में एक शिक्षिका एक हफ्ते से जेल में है, लेकिन शिक्षा विभाग को इसकी जानकारी नहीं है। डीईओ बेसिक पदमेंद्र सकलानी ने बताया कि शिक्षिका ने छुट्टी के लिए आवेदन किया था, लेकिन उन्हें छुट्टी नहीं दी गई। सरकारी स्कूलों में गरीब बच्चों के कल्याण के लिए ओएनजीसी की ओर से लाखों रुपये की धनराशि दी गई थी।

मिलीभगत कर धनराशि को ठिकाने लगाया
आरोप है कि कुछ स्वयं सेवी संस्थाओं, शिक्षिकाओं और ओएनजीसी के अधिकारियों ने मिलीभगत कर इस धनराशि को ठिकाने लगा दिया था। सीबीआई की शुरुआती जांच में 74 लाख की धोखाधड़ी का मामला सामने आया था। इस धनराशि से बच्चों के लिए ड्रेस, फर्नीचर आदि सामान खरीदा जाना था। लेकिन धनराशि स्कूलों के खाते में जमा कर निकाल ली गई, जबकि कुछ फर्जी स्कूलों (जो हैं ही नहीं) में भी धनराशि दी गई।

सीबीआई ने इस मामले में शिक्षा विभाग की संकुल समन्वयक ममता खन्ना सहित कई लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। ममता सीबीआई अदालत में सरेंडर कर चुकी है।

सीआरसी ममता खन्ना ने छुट्टी के लिए आवेदन किया था, लेकिन उन्हें छुट्टी नहीं दी गई, अब पता नहीं वे कहा हैं, विभाग की ओर से उनका वेतन रोक दिया गया है।

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